Insanely Simple Book Summery in Hindi || Apple का कोर एलिमेट्स क्या है ?

                     

हेलो दोस्तो एक बार फिर हमारी ब्लॉग साइट हिंदी बुक समरीज में आपका स्वागत है जहाँ पर आप फेमस बुक्स की समरी पढ़ते हो और अपनी लाइफ में सफल होने के लिए एक कदम बढ़ाते हो | आप अगर प्रोडक्ट के रिव्यु के बारे में जानना चाहते हो तो आप हमारी दूसरी ब्लॉग साइट प्रोडक्ट कंसलटेंट में जाकर पढ़ सकते हो | 

तो आज की यह बुक समरी एक फेमस कम्पनी के कोर एलिमेंट के बारे में है | उस कम्पनी का नाम है एप्पल | और इस बुक समरी का नाम है - "इंसेनली सिम्पल" | तो चले बिना किसी देर के बुक समरी को स्टार्ट करते है |



अबाउट बुक

क्या एप्पल के प्रोडक्ट और स्टीव जॉब्स के फैन है ? अगर हाँ तो ये आपके लिए एक परफेक्ट समरी है | एप्पल को लोग पसंद करते है उसका एक बड़ा रिजन है उसकी सिम्पलीसिटी | इस समरी में आप सीखोगे की एप्पल ने हमेशा से ही सिम्पलीसिटी को अपना कोर एलिमेंट रखा है , जो आप भी अपनी आर्गेनाइजेशन में एप्लाय कर सकते है |

अगर आप स्टीव जॉब्स के फैन है तो इस समरी में आप उनकी लाइफ से जुडी हुई ऐसी बाते पता चलेगी जिससे आप उनके और ज्यादा फैन हो जाओगे |

ये समरी किन किनको पढ़नी चाहिए 

. स्टार्टअप के फाउंडर्स को

. एडवरटाइजिंग स्टाफ को

. entreprenures  को

. टीम लीडर्स को

. सॉफ्टवेअर इंजेनिअर्स को

ऑथर के बारे में 

इस बुक के ऑथर केन सीगल है जिन्होंने सिम्पलीसिटी पर दो किताबे लिखी है | ये एक एडवरटाइजिंग क्रिएटिव डायरेक्टर भी है |

इंट्रोडक्शन 

सोचो क्या हो अगर आपको स्टीव जॉब्स के लिए एक प्रेन्टेशन तैयार करनी पड़ी ? आप अपने सारे ग्राफ्स ,चार्ट्स सामने खोले बैठे हो और स्टीव जॉब्स रूम में आते है | आप ओर ज्यादा नर्वस होने लगते हो | आपने अब तक केवल तीन सेंटेंस लिखे है और स्टीव जॉब्स आकर बोलते है - "मुझे कुछ समझ मे नही आया " | प्लीज पॉइंट पर आओ , क्या तुम अपना आईडिया सिंपल और आसान वर्ड्स में समझा सकते हो ?

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इस समरी में आप यहीं पढ़ने वाले हो कि क्यों एप्पल के इंसेनली सिंपल बोला जाता है | आप इसमें सिम्पलीसिटी के कोर एलिमेंट्स के बारे में पढोगे जो एप्पल अपने प्रोडक्ट , अपनी ऑर्गेनिजेशन , अपने एड्स और कस्टमर सर्विस यानी हर चीज  में अप्लाई करता है | इस समरी में आप केन सीगल के बारे में पढोगे | सो लेटस स्टार्ट ---

The Simple Stick



एप्पल की पैकेज डिज़ाइन टीम उसी वक्त स्टीव जॉब्स के साथ एक मीटिंग करके लोटी थी | उन सबके चेहरो पर निराशा झलक रही थी क्योंकि स्टीव जॉब्स को उनका काम कुछ पसंद नही आया था | टीम ने कही हफ़्तों तक मेहनत करके ये प्रोजेक्ट प्लान किया था , लेकिन स्टीव जॉब्स ने इसे एकदम से रिजेक्ट कर दिया था | टीम की सारी मेहनत पर पानी फिर गया था | 

तब केन सीगल ने टीम लीडर से इसकी वजह पूछी , "कैसी रही सुबह की प्रेन्टेशन" ? टीम लीडर ने कहा स्टीव ने हमे सिंपल स्टिक से हिट किया है |इसका मतलब उनका काम इतना भी बुरा नही होगा पर हाँ जरूर वो इसे सिम्प्लीफाय नही कर पाए होंगे | टीम ने एक सैम प्रोडक्ट के लिए अलग अलग डिजाइन के बॉक्स बनाये थे तो इस पर स्टीव जॉब्स ने कहा था कि जब प्रोडक्ट एक है तो बॉक्स भी एक ही होना चाहिए |

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सिम्पलीसिटी ही वो चीज है जो एप्पल को वो बनाने में ड्राइव करती है जो चीज हमे एप्पल के प्रड्क्ट में नजर आती है | सिम्पलीसिटी ही एप्पल को बार बार रेवोलुशन लाने के लिए प्रेरित करती है | जैसे जैसे दुनिया बदल रही है , एप्पल भी वक्त के साथ खुद को बदलता है पर एक चीज इसकी कभी नही बदलती और वो है वैल्यू ऑफ सिम्पलीसिटी | 

अगर एप्पल को सक्सेसफुल टेक्निक ऑफ सिम्पलीसिटी इसे इतना खास बनाती है तो क्यों नही दूसरी टेक कम्पनीज इन्हें कॉपी करती ? तो जवाब है - "सिम्पलीसिटी को अपनाना इतना आसान नही है  |" बाकी कम्पनीज अक्सर कंप्लेक्ससिटी में कही खो जाती है | क्योंकि सच तो यह है कि सिम्पलीसिटी के लिए आपको ज्यादा engry , ज्यादा टाइम और ज्यादा पैसा चाहिए |

इतने साल एप्पल में काम करने के दौरान केन ने सिम्पलीसिटी के कुछ कोर एलिमेंट्स observe किये जो आप भी अपनी कम्पनी में अप्लाई कर सकते है | सिम्पलीसिटी एक स्किल है और इसकी प्रेक्टिस करनी पड़ती है | आप इसे सिख सकते है और इसमें एक्सपोर्ट बन सकते हो | तो चलिये सिम्पलीसिटी के कोर एलिमेंट्स को एक एक करके डिसकस कर लेते है |

Think Brutal



एक बार केन सीगल स्टीव जॉब्स को इंटरव्यू देने गए वो वहाँ बहुत डरे हुए थे | वह स्टीव के केबिन में पहुचे , दोनो ने हैंड सेक किया | स्टीव ने केन की कुछ तारिक की और कुछ बुराई भी की | इससे उन दोनों की बीच बर्फ पिघल गयी थी और वे दोनों एक दूसरे के फ्रेंड बन गए | 

असल मे स्टीव जॉब्स को अपने वर्किंग रिलेशनशिप में कोई कंप्लेक्ससिटी पसंद नही थी | ये ठीक उसी तरह था जैसे उन्हें अपने आईपॉड में एक्स्ट्रा बटन पसन्द नही था | स्टीव के लिए सच सिर्फ सच था , और उनके ओपनियन सिर्फ उनके ओपिनियन थे जिनकी कोई दो राय नही हो सकती थी , चाहे सामने कोई भी हो |

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ब्रूटल फ्रैंक टॉक के अपने फायदे है | जैसे एक्सएम्पल के लिए आपको पता चले कि आपके सीईओ को आपके काम मे कुछ कमी नजर आई है जबकि रियल में आपका सीईओ सोचता है कि इन कमियो को दूर किया जा सकता है | हो सकता है आपने सीईओ की कही गई बात किसी मिडलेमेंन के मुंह से सुनी हो | मैसेज देने वाले ने अपनी तरफ से बात जोड़ दी और इस तरह गलतफहमी पैदा हो गई |

आपको लगा सीईओ आपके काम को पसंद नही करता जबकि असलियत में वह सुधार चाहता है | आपको ऑनेस्ट फीडबैक नही मिला और इसीलिए आप अपना प्रोजेक्ट रिवाइज नही कर पाए | इस तरह अन्क्लेर मैसेज कम्पनी को काफी नुकसान पहुचाते है | अगर हम अपनी इमेल्स ब्रूटली ऑनेस्ट होकर लिखे तो हम अपना टाइम और एनर्जी दोनो बचा सकते है जो हम बेकार में एक्सपेक्शन देने में वेस्ट कर देते है | 

स्टीव ने हमेशा हर किसी से यही चाहा कि वह उनसे strateforward तरीके से बात करे | ये सिम्पलीसिटी का एलिमेंट है जो आप भी एप्लाय कर सकते हो | आपको सिर्फ ऑनेस्ट रहना है और जो आपका माइंड कहे वही बोलना है | कुछ लोग शायद बुरा मानेंगे पर एक strateforward अप्रोच सबका टाइम और एनर्जी बचा सकती है |

think small



एप्पल लोगो को ग्रेट प्रोडक्ट्स क्रिएट और प्रोड्यूस करने के लिए एनकरेज करता है लेकिन साथ ही बात जब मीटिंग की हो तो ये स्माल पर जोर देता है | एप्पल का मानना है कि सिर्फ मीटिंग में वही लोग शामिल हो जिनकी जरूरत मीटिंग में है ताकि ग्रुप को एफिशिएंट होकर काम करने में मदद मिल सके | 

इसमे अब एक स्टोरी है जिसमे एक बहुत जरूरी मीटिंग हो रही थी | उसमे कुछ खास लोगो को ही बुलाया गया था लेकिन उसमें एक लड़की लारा भी आयी थी , स्टीव उसे नही जानते थे | जब स्टीव ने मीटिंग शुरू की तो उन्होंने लारा की तरफ देखा और उससे अपना परिचय मंगा | लारा ने अपना परिचय दिया और परिचय सुनने के बाद स्टीव ने कहा कि आप बाहर जा सकती है आपकी हमे इस मीटिंग में जरूरत नही है | 

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तो ये था स्टीव जॉब्स की सिम्पलीसिटी का एक रूल | शुरुवात एक छोटे ग्रुप से करो जिसमे सभी स्मार्ट लोग हो और ग्रुप हमेशा छोटा ही रखो | जब भी आप मीटिंग में ज्यादा लोगो को इन्वॉल्व करते हो , उतना ही आप मीटिंग को और ज्यादा काम्प्लेक्स बना देते हो |

मीटिंग में जो भी लोग शामिल हो , उनका वहाँ होने का कोई न कोई रिजन जरूर हो | किसी को मर्सी इनविटेशन देने की जरूरत नही है | जैसे लोरी के साथ हुआ , ये कोई पर्सनल ईसू नही है | बात सिर्फ बिज़नस और काम ही है इसीलिए इसे प्रोफेशनल वे में लिया जाना चाहिए | 

क्या आपने नोटिस किया है कि आपकी कम्पनी में कितनी ही ऐसी मीटिंग रखी जाती है जहाँ जरूरत से ज्यादा लोग जमा होते है ? और इन मीटिंग में से कितनी ही मीटिंग अपने ओरिजिनल पर्पस से भटक जाती है | इसीलिए याद रखे ग्रुप को हमेशा छोटा रखे | आपकी मीटिंग या प्रोजेक्ट तब और भी ज्यादा इफेक्टिव रहेगी |

Think Minimal



ये किस्सा एप्पल ने मैक ओएस x क्रिएट करने के पहले का है | केन सीगल को स्टीव जॉब्स के साथ सीनियर सॉफ्टवेयर टीम से मीटिंग करने के बुलाया गया था | वैसे तो उनकी पहले से कहि दूसरी शेड्यूल मीटिंग तय थी | पर ये मीटिंग अलग से बुलाई गई थी इसीलिए सब लोग क्यूरियस थे |

पता चला कि स्टीव जॉब्स मैक ओएस 9 के बारे में कुछ डिसकस करना चाहते थे जो कुछ महीनों के बाद ही लांच होने जा रहा था | दरअसल स्टीव जॉब्स इसके ऑपरेटिंग सिस्टम में एक अपग्रेड करना चाहते थे , एक नया वर्जन जिससे प्रोडक्ट ज्यादा बिक सके | तो उन्होंने कहा माइक्रोसॉफ्ट भी यही करता है , ऐसा समझ लो जैसे हमे नोट छापने है |

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उन्होंने ऐसा इसीलिए कहा क्योंकि सॉफ्टवेयर में काफी पोटेंशिअल है , साथ ही सॉफ्टवेयर बिल्ड करना कम्प्यूटर बनाने में ज्यादा आसान होता है | स्टीव मैक ओएस को एक डिफरेंट वे में अप्रोच करने की सोच रहे थे | 99$ चार्ज करने के बजाय वो फ्री में अपग्रेड देना चाहते थे | लेकिन फिर सॉफ्टवेयर में एड भी होनी थी | ये अप्रोच ज्यादा से ज्यादा एप्पल यूज़र्स को अपग्रेड करने के लिए अट्रैक्ट करती और एड्स से ज्यादा इनकम भी जनरेट होती | 

1998 में स्टीव जॉब्स ने ऐसे दो अनाउंसमेंट किये जो एप्पल का फ्यूचर बदलने वाले थे | पहला था आई मैक को लॉन्च करना और दूसरा था एप्पल का बिज़नस प्लान | ये एक सिंपल चार्ट था | एक square जो चार इक्वल पार्ट में डिवाइड किया गया था | यहाँ स्टीव ने दिखाया कि एप्पल अब से अपने कम्प्यूटर मॉडल के साथ काम करेगा |

एप्पल के पास अब चार प्रोडक्ट की चॉइस होगी | रेगुलर यूज़र्स के लिए एक लैपटॉप , प्रोस और टेक गीग्स के लिए दूसरा लेपटॉप | रेगुलर्स यूज़र्स के लिए एक डेस्कटॉप और एक और डेस्कटॉप जो एक्सपोर्ट्स और प्रोज के लिए लांच किया गया हो | बस इतना ही , यही था इस सारी प्रॉब्लम के लिए स्टीव जॉब्स का सलूशन | इस सिंपल इमेज में उन्होंने एप्पल के इंजीनियर्स को तो inspire किया ही साथ ही लॉयल कस्टमर्स में भी एक excitement जगा दी थी | 

तो दोस्तो ये बुक समरी तो यही पर खत्म होती है | और अगर आप इस बुक के बारे में और भी जानकारी लेना चाहते है तो में आपको तीन आर्टिकल के लिंक दे रहा हु , उन्हें आप पढ़ सकते है |

article first

article second

article third   

अगर आपको यह समरी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों को शेयर करना न भूले | तो मिलते है फिर एक और नई इंटरेस्टिंग बुक समरी में | धन्यवाद |

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